Wednesday, April 23, 2014

कौन बड़ा भिखारी

चुनाव का समय था एक बड़े नेता जी बड़े लाव लश्कर के साथ अपने चुनाव क्षेत्र में प्रचार करते घूम रहे थे तभी चौक पर बैठा हुआ एक भिखारी दीख गया तो उन्होंने एक सौ का नोट निकाल कर भिखारी के हाथ में पकड़ाया परन्तु उसने लेकर दूर फेंक दिया और बोला ,इतने सारे साथ लेकर चल रहा है और दिखा रहा है मात्र सौ का नोट ,,तो नेता जी बोले अरे बाबा और ले लो ,२ सौ ले लो तभी नेता जी का एक चेला बोला भाई जी इसका तो वोट भी नहीं होगा ,
भिखारी बोला वोट काहे नहीं है देख २० वोट हैं मेरे पास पूरे खानदान के ,खाली भिखारी नहीं हूँ भारत का नागरिक भी हूँ ,
पर भाई में भिखारियों से भीख नहीं लेता
तभी नेता जी बोले तुमने मुझे भिखारी कहा
और क्या कहूँ तुम तो मुझसे भी बड़े भिखारी हो ,फर्क इतना है की मै रोजाना भीख माँगता हूँ और तुम सीजनल हो ,मैं केवल जुबान से भीख माँगता हूँ और तुम लोगों के पैरों में पड  जाते हो ,तरह तरह की मुख मुद्रा बनाते हो ,झूठे प्रलोभन देते हो ,मेरे जैसे गंदे आदमी के साथ बैठकर खाना भी खा लेते हो ,कोई गाली देता है तो सुन भी लेते हो ,तुम्हारे खानदान की धज्जियां उड़ाता है तो हँसते रहते हो ,उनके गंदे गंदे बच्चों को भी गोद में लेकर खिलाने लग जाते हो ,कोई अंडे फेंकता है ,कोई टमाटर फेंकता है कोई स्याही फेंकता है कोई चप्पल और चांटा मरता हैं तो भी kuchh नहीं kahte  ,कोई तो patthar भी fek कर maar detaa है 
ये सब कोई मेरे साथ कभी करता है क्या ,
और फिर भी तुम सारे दिन एक एक वोट मांगते हुए बहेरियों की तरह भागम भाग करते रहते हो और मुझे देखो सुबह को इसी चौराहे पर आकर बैठता हूँ और शाम तक बैठा रहता हूँ ,और फिर छोटा भिखारी होने के बाद जितना कमाता हूँ शाम को पत्नी को दे देता हूँ और हिसाब लगाकर इनकम टैक्स  भी देता हूँ  कोई हेरा फेरी कोई घोटाला नहीं ,
और तुम बड़े भिखारी होने के बावजूद भी तुम्हारा पेट नहीं भरता विधान सभा या संसद में जाने के बाद भी अरबों खरबों के  घोटाले करते रहते हो ,
अब बताओ बड़ा भिखारी कौन तुम या मैं ,इसलिए मैं तुमसे भीख नहीं लूंगा