कहावत है कि यदि माँ , डायन भी हो तो वो अपनों को नहीं खाती
यद्यपि मेरा माँ डायन नहीं है ,प़र फिर भी मुझे खा गई ,
कहावत है कि ,यदि अपने मारते भी हैं तो छाँव में ही डालते हैं ,
प़र मेरों ने मुझे मारकर जेल में पहुंचवा दिया जहां प़र छाँव ही छाँव है ,
कहावत है कि ,बोया पेड़ बबूल का तो आम कहाँ से खाय ,
मैंने वास्तव में बबूल के पेड़ ही बोये थे फिर आम कैसे खाता ,
कहावत है कि जब पाप का घडा भरने प़र ही फूटता है ,
प़र मैंने किसी पापी काघड़ा फूटते नहीं देखा ,,,,,
Tuesday, August 10, 2010
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