आशिक़ जंगली कबूतर
मासूक म्याऊँ होती है
शुरू के कुछ दिनों में
खूब धूप छाँव होती है
इश्क़ का भूत उत्तर जाता है
फिर कांव कांव होती है
फिर तलाक़ फरमान होता है
या आत्महत्या निदान होती है
मासूक म्याऊँ होती है
शुरू के कुछ दिनों में
खूब धूप छाँव होती है
इश्क़ का भूत उत्तर जाता है
फिर कांव कांव होती है
फिर तलाक़ फरमान होता है
या आत्महत्या निदान होती है
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