काला धन भाजपाइयों के पास वर्तमान में ,
मोदी जी पकड़ कर तो दिखाओ ,
देश के अंदर समस्त कला धन नेताओं ,राजनेताओं ,छुटभैये नेताओं और सरकारी बड़े बड़े सांडों और बाबाओं के घरों में भरा हुआ हुआ है ,यदि मोदी जी में सहस है तो वो भाजपाई नेताओं से ही प्रारम्भ करें ,सभी क यहाँ एक साथ छापे डलवाइए फिर आपको पता चल जाएगा की भाजपाई कितने बड़े भ्र्ष्टाचारी हैं ,
अभी तक आपने विपक्षियों के घरों में ही छापे डलवाये हैं या फिर व्यापारियों के यहां पर आपको मिला क्या ,बाबा जी का ठुल्लू ,जितना मिला नहीं उससे ज्यादा खर्चा हो गया तो फिर कौन सा तीर मार लिया
इस वक्त आपकी पार्टी में भ्र्ष्टाचार है उसे दूर कीजिये पिछले ३ साल से भाजपाइयों ने लाखों करोड़ बनाया होगा ,भय इसलिए नहीं है की जब सैया भयं कोतवाल तो डर काहे का ,वैसे भी अभी वो जानते हैं की उनके पास २ साल और हैं ,
याद रखिये हमेशा सत्ताधारी पार्टी ही भ्र्ष्टाचार फैलाती है क्योँकि ये ही ५ साल होते हैं जिनमे उन्होंने करोड़पति या अरबपति बनकर चुनाव के लिए धन एकत्रित करना होता है ,बिना सत्ता के तो उनकोंकोइ छद्ममा भी नहीं देता |
जिन पार्टियों की सरकारें आती हैं सभी व्यपारियों को भ्र्ष्टाचारी कहती हैं और धन एकत्रित करती हैं ,नेताओं का सबसे बड़ा स्रोत है ,
और जो व्यापारी इनको पैसा नही देता उसको काम नही करने देती
मुख्यमंत्री बनते ही अथाह पैसा इनके घरों में पहुँच जाता है
मोदी जी पकड़ कर तो दिखाओ ,
देश के अंदर समस्त कला धन नेताओं ,राजनेताओं ,छुटभैये नेताओं और सरकारी बड़े बड़े सांडों और बाबाओं के घरों में भरा हुआ हुआ है ,यदि मोदी जी में सहस है तो वो भाजपाई नेताओं से ही प्रारम्भ करें ,सभी क यहाँ एक साथ छापे डलवाइए फिर आपको पता चल जाएगा की भाजपाई कितने बड़े भ्र्ष्टाचारी हैं ,
अभी तक आपने विपक्षियों के घरों में ही छापे डलवाये हैं या फिर व्यापारियों के यहां पर आपको मिला क्या ,बाबा जी का ठुल्लू ,जितना मिला नहीं उससे ज्यादा खर्चा हो गया तो फिर कौन सा तीर मार लिया
इस वक्त आपकी पार्टी में भ्र्ष्टाचार है उसे दूर कीजिये पिछले ३ साल से भाजपाइयों ने लाखों करोड़ बनाया होगा ,भय इसलिए नहीं है की जब सैया भयं कोतवाल तो डर काहे का ,वैसे भी अभी वो जानते हैं की उनके पास २ साल और हैं ,
याद रखिये हमेशा सत्ताधारी पार्टी ही भ्र्ष्टाचार फैलाती है क्योँकि ये ही ५ साल होते हैं जिनमे उन्होंने करोड़पति या अरबपति बनकर चुनाव के लिए धन एकत्रित करना होता है ,बिना सत्ता के तो उनकोंकोइ छद्ममा भी नहीं देता |
जिन पार्टियों की सरकारें आती हैं सभी व्यपारियों को भ्र्ष्टाचारी कहती हैं और धन एकत्रित करती हैं ,नेताओं का सबसे बड़ा स्रोत है ,
और जो व्यापारी इनको पैसा नही देता उसको काम नही करने देती
मुख्यमंत्री बनते ही अथाह पैसा इनके घरों में पहुँच जाता है
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