Monday, November 11, 2013

नेता चुनाव के वक्त

एक बहुरुपियामें 
धूर्त बेईमान
असभ्य क्रूर
सभ्य नागरिक कि भाषा में
अपने दुर्गुणों का बखान
सद्गुणों  में प्रवर्त कर
त्यागियों जैसा बोध
जनता जनार्दन पर
अभिमंत्रित कर रहा है
शासन करने हेतु
अपने लक्ष्य को
मीन कि नैन बना
तन से श्याम
ह्रदय से कलुषित
इच्छाओं में सर्वोपरि
खाने  के दांतों को
मुख में छिपा
दिखाने के दांतों से
हंस हंस कर
सफ़ेद हाथी बना
दया कि भीख मांग
जनता जनार्दन से
अधिकार छीनने का
प्रयत्न कर रहा है |

Tuesday, July 16, 2013

कटाक्ष आज के ज्योतिषाचार्य

एक दुखी मनुष्य अपने दुखों से दुखी होकर हिन्दुतान के जाने माने ज्योतिषियों से लेकर टोन टोटके करने वाले ,और मुस्लिमों के बड़े बड़े काजी और हाजिओन ,भूत प्रेत भगाने वाले सभी लोगों से जब मिल मिल कर थक गया तो उसे एक बात धयान आई की बहुत सारे लोगों ने उससे कहा था कि सुबह २ उठकर नहा धोकर आसन लेकर धुप बत्ती घी का दिया जलाकर इश्वर का भजन करे तो जल्दी ही उसके दुख दूर हो जायेंगे ,उसने बहुत दिन तक ऐसा ही किया पर कोई फायदा नहीं हुआ |
और अचानक १ दिने उसके दिमाग में आया कि अब जो होना है होगा तो वही इसलिए आज रात को उलटा होकर यानी के सर जमीन पर और टाँगे आसमान में उठाकर पूजा करेगा और उसने उस सम्पूर्ण दिन ऐसा ही किया और फिर रात को भी ऐसा ही किया ,और शायद भगवान् खुश हुए और इ सपने में दिखाई दिए और कहा कि बच्चा तू भटक गया था ,तूने पहली बार अपनी अक्ल का इस्तेमाल कियाअ कि भाई  और तेरी म्हणत सफल हुई ,आज से तेरे सब दुःख दूर हो गये और कल से तू केवल अपना कोई भी कर्म करना और इन ज्योतिषियों से दूर ही रहना ,पर हाँ उनको एक बार जाकर बताना जरूर कि तुम सबने मुझको दिग्भ्रमित किया ,और  देखो मैंने अपनी अक्ल का इस्तेमाल किया तो हल निकल आया फिर देखना वो क्या कहेंगे |
उसने अगले दिन ऐसा ही किया सभी को बताया आ तो मेरे दुख दूर हो गये कि देखो मैंने अपनी अक्ल का इस्तेमाल किये तो दुख दूर हो गये और भगवान् जी ने मुझे दर्शन भी दिए ,
तो सभी का जवाब था कि ऐसा सबकुछ हमारे मन्त्रों के जोर से हुआ ,जबकि उसने कभी भी उनके मन्त्रों का प्रयोग नहीं किया ,तो आज ऐसा हो रहा है हमारे समाज में और भोले भाले दुखी लोग इनसे लुट जाते हैं ,तो भाइयो कर्म ही प्रधान है वो ही करो बुरा वक्त निकल जाएगा