Friday, February 13, 2009
वेलेंटाइन डे १४ फरवरी
वैलन्टाइन डे हमारा पर्व नहीं है यह विदेशी पर्व है पर ग्लोब्लाईजेसन के कारण आज सम्पूर्ण संसार एक हो गया है और प्रत्येक पर्व चाहे वो किसी भी देश से संबंधित क्यों ना हो ,किसी भी धर्म से संबंधित हो ,सभी देशवासी उसको मनाकर खुशियाँ तलाशने का प्रयत्न करते हैं ऐसा ही प्रयत्न हमारे देश का युवावर्ग भी कर रहा है ,यद्यपि प्रेम ,प्यार ,करना कोई बुरा नहीं है प्यार किसी से कोई भी कर सकता है यदपि प्रेम या प्यार करने की चीज नही है ये तो स्वाभाविक तोर पर हो जाता है ,प्रक्रति दत्त है ,ईश्वरीय वरदान है इसका आदर भी करना चाहिए कोई भी धर्म इसका विरोध नहीं करता ,पर कोई भी समाज जो सुसंस्क्र्त है इसके भोंडे प्रदर्शन को पसंद नहीं करता और जो कुछ आज के दिन १४ फरवरी को किया जाता है जेसे की लुकछिप कर मिलना ,माँ बाप की आंखों में धूल झोंककर ,किसी भी अनजान युवा के साथ प्रेमालाप करना तो हमारे संस्कारों की बलि देना है ,हिंदू धर्म का कोई भी गैरत मंद भाई बाप इस सब को पसंद नहीं करता ,और जो लोग उसको बढावा दे रहे है वो ख़ुद भी दूसरों की बहन बेटी के साथ तो वेलेंटाइन डे के नाम पर गुलछर्रे उडाना पसंद करते हैं पर जब यही काम उनकी बहन बेटियों के साथ होता है तो वो उसे पसंद ना कर मरने मिटने को तेयार हो जाते हैं
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1 comment:
आपकी बात से मैं पूरी तरह सहमत हूँ.
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