Friday, May 11, 2018




हम अपनों के बजाय दूसरों ( गैरों )के पैरों में लिपटना ज्यादा अच्छा समझते हैं क्योँकि उनकी ठोकर जब भी पड़ती है जबरदस्त ही पड़ती है 

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