Sunday, March 8, 2015

अनोखी कहानी परन्तु सच्ची (पार्ट ६ )

अब तो उसने बड़े और उसके परिवार को तरह तरह से प्रताड़ित करने लगा कभी बड़े का पीछा करना कभी उसकी लड़कियों का पीछा करना और बदमाशों को उन सभी के पीछे लगा दिया पर जिस पर ईश्वर की कृपा हो और सच्चा हो कोई उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता ,आखिर तंग होकर बड़े ने सभी रिस्तेदार ,उसके और अपने दोस्त सबको बुलाया ,और मीटिंग्स की ,सभी ने उसे हर तरीके से समझाया की कुछ ले देकर भाई घर छोड़ दे परन्तु उसने सभी को धता बता दिया और जिसने भी समझाया  उसी  पर आरोप लगाता की शायद वो बड़े से कुछ माल खा रहा है ,अंत में पूरे समाज की मीटिंग बुलाई पर कोई नतीजा नहीं निकला ,उलटा पूरा मकान ही कब्जाने की धमकी देने लगा ,अंत में दुखी होकर बड़े ने कहा की अभी तक तो वो तुझे दे रहा था पर अब ना तो उसको एक रुपया ही देगा और नाहीं इंच भर जमीन ,और जो करना हो वो कर ले ,
इसी प्रकार २ साल यानी की सं २००५ और २००६ भी लड़ाई झगड़ों में ही बीत गए ,और फिर बड़े ने एक बोल्ड स्टेप उठाया की उसने मकान को फ्री होल्ड (रजिस्ट्री )करवाने की अर्जी लगा दी क्योँकि अब सर्किल  रेट और बढ़ने वाले थे ,आखिर २००६ के अंत में फ्रीहोल्ड हो गया ,तभी बड़े के बैंक का मैनेजर बोला की आप अपनी लिमिट आदि बनवा लो ताकि बिज़नेस करने में सुविधा हो जायेगी और काम भी ज्यादा करेंगे ,ईश की कृपा से २००७ मार्च में ४० लाख की लिमिट बड़े की फर्म के नाम सेक्शन हो गई और फिर उसने काम जोर शोर से  करना शुरू कर दिया बहुत काम होता देखकर बीच वाले और छोटे की आँखे फैलने लगी और फिर उन्होंने इधर उधर सूंघना शुरू कर दिया और एक दिन किसी बैंक के व्यक्ति ने उसे लिमिट के बारे में बता दिया ,फिर तो वो मानो पागल हो गया और पागलों जैसी हरकते भी करने लगा ,
फिर वो फ्रीहोल्ड  को कैंसिल कराने के प्रयत्न करने लगा और कोशिश सिफारिस कर उसने बड़े बड़े नेताओं जैसे P M  मनमोहन सिंह और राष्ट्रपति ,जैसे नेताओं के और मंत्रियों अर्जुन सिंह जी आदि के सिफारिशी पत्र लगाकर कैंसिल कराने में कामयाब हो गया ,और फिर एक दिन बड़े को फ्रीहोल्ड कैंसिलेशन का लेटर आ गया और फिर उसने बड़े और उसकी पत्नी और साले  के नाम की F I R  shastri जी की सिफारिस से एक दिल्ली सरकार के संयुक्त सचिव R N शर्मा के करकमलों के द्वारा F S L को प्रभावित कर नेगेटिव रिपोर्ट बनवा ली ,की वो साइन उसके नहीं है ,रिपोर्ट आने के बाद बड़े ने L G साहब से मिल कर उसके साइनों को किसी और लेब में भेजने को कहा और वो मान गए फिर वो रिपोर्ट पहले रिपोर्ट के साथ शिमला लेब  भेजी गई जहां फिर वो ही R N शर्मा की और मंत्री जी की सिफारिश काम कर गई और रिपोर्ट फिर नेगेटिव आ गई ,
और अब E O W ने अपनी कार्यवाही शुरू की और वो  कोर्ट  गए जहा कितनी ही सुनवाई होने के बाद जब उसका मन मर्जी जज आ गया जहां सिफारिश काम आई और जज ने बड़े और उसके साले की बैल अर्जी कैंसिल कर दी और उसकी पत्नी को बेल दे दी ,परन्तु इसके बावजूद भी E O W वालों ने बड़े को गिरफ्तार नहीं किया और  नाही उसके साले को भी ,बल्कि उसके बाद बड़े वाले उस समय के एडिशनल कमिश्नर को मिला तो उन्होंने गिरफ्तारी से मना कर दिया ,उन्होंने कहा की ब्लड रिलेशन में वो किसी को गिरफ्तार नहीं करते ,और उन्होंने बीच वाले को भी मना कर दिया तो फिर बीच वाल कुछ सिफारिशें लेकर तत्कालीन गृहमंत्री P ,CHIDMBRAM और उनके सेक्रेटरी A K SIGH  से मिला और एक लेटर E O W को बड़े वाले की  गिरफ्तारी हेतु भिजवाया |

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