सत्य बोलने के प्रण की पोटली को बांधकर
कब तक दर दर भटकता रहूंगा ,
जिस दफ्तर ,जिस न्यायालय में जाऊंंगा
यदि सत्य बोला तो कुछ भी ना कर सकूंगा ,
पुलिस वाला कहता है ऐसा नहीं ऐसा बोलो
तो तभी मै आपकी रिपोर्ट को लिखूंगा ,
बैंक वाला कहता है लाख को दो लाख बोलो
तो मैं आपका लोन सेंक्शन करूंगा ,
मालिक कहता है कि सत्य बोलोगे तो
मै अपनी सेवाओं से तुमको वंचित कर दूंगा
यदि यही हाल रहा तो मैं एक दिन ,
आत्महत्या कर संसार से विदाई ले लूंगा
पर चाहे दुनिया कहे कि मैं सत्य छोड़ दूँ
पर मई सत्य को कभी भी छोड़ ना सकूंगा ।
कब तक दर दर भटकता रहूंगा ,
जिस दफ्तर ,जिस न्यायालय में जाऊंंगा
यदि सत्य बोला तो कुछ भी ना कर सकूंगा ,
पुलिस वाला कहता है ऐसा नहीं ऐसा बोलो
तो तभी मै आपकी रिपोर्ट को लिखूंगा ,
बैंक वाला कहता है लाख को दो लाख बोलो
तो मैं आपका लोन सेंक्शन करूंगा ,
मालिक कहता है कि सत्य बोलोगे तो
मै अपनी सेवाओं से तुमको वंचित कर दूंगा
यदि यही हाल रहा तो मैं एक दिन ,
आत्महत्या कर संसार से विदाई ले लूंगा
पर चाहे दुनिया कहे कि मैं सत्य छोड़ दूँ
पर मई सत्य को कभी भी छोड़ ना सकूंगा ।
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