असमानता
पंचतारा होटलों में जाने वालो
भांति भांति के व्यंजन खाने वालो
बून्द बून्द कर कंठ में उतारने वालो
नृत्य संगीत से मन बहलाने वालो
कभी तुमने गरीबों के बच्चों को
झूठी पत्तलें ं में चाटते देखा है ।
पंचतारा होटलों में जाने वालो
भांति भांति के व्यंजन खाने वालो
बून्द बून्द कर कंठ में उतारने वालो
नृत्य संगीत से मन बहलाने वालो
कभी तुमने गरीबों के बच्चों को
झूठी पत्तलें ं में चाटते देखा है ।
No comments:
Post a Comment