Monday, August 2, 2010

कटाक्ष

हमारी संसद में आज १० दिन से महंगाई को लेकर आरोप प्रत्यारोप लग रहे है सत्ता में बैठी पार्टी कहती है कि इतनी महंगाई भी नहीं है जितना कि विपक्ष वाले शोर मचा रहे हैं और विपक्ष कहता है कि महंगाई के कारण जनता में त्राहि त्राहि मच रही है ,सभी विपक्षी कह रहे हैं कि प्राधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह जी को संसद खड़े होकर बताना चाहिए कि देश कि जनता के साथ वो ये सब क्या कर रहे हैं जनता सब्जिओं को तरस रही है ,गेहूं आते दालों के भाव आसमान को छू रहे हैं ,प़र सरकार को चिंता है ही नहीं ,जब सरकार दुखी हो गई तो सभी केबिनेट मंत्री सोनिया जी के पास गए बोले ,अब आप ही बताये कि हम क्या करें ,
तो सोनिया जी बोली ,बताना क्या है प्रणव मुखर्जी को बोलो ,वो संभाले विपक्ष को ,सभी मिलकर प्रणव जी के पास गए तो वो बोले कि चलो मैं कल बोलूंगा ,अगले दिन जैसे ही शोर मचा ,महंगाई का ,प्रणव जी खड़े होकर बोले ,भाइयो कहाँ है महंगाई ,मुझे तो सबकुछ सस्ता ही लगता है मई जब भी संसद के केंटिन में खाने जाता हूँ तो बिरयानी कि प्लेट मात्र ५ रुपया में मिल जाती है और मछली के साथ १० रुपया में ,और पेट भर जाता है और आप लोग भी मुर्ग मुसल्लम के साथ २० रूपये में थाली लेकर खाते हो ,५० पैसे में रोटी मिलती है ,औरकिसी भी चीज कि सब्जी ,दाल ले लो सब १० रुपया प्लेट मिलती है ,\
सब मिलकर बोले हम संसद के केन्टीन कि बात नहीं कर रहे ,हम तो बाहर कि बात कर रहे हैं ,अब ये तुम सब में बाहर जाता कौन है सब के सब तो दिल्ली में पड़े रहते हो ,बाहर तो हमारे राहुल जी जाते हैं प़र उन्होंने तो कभी भी ना कहा कि बाहर महंगाई है ,वो तो कहते हैं जनता जबरदस्ती फ्री में खाना खिलाती उन्हें ,अब ज़रा सोचो अगर महंगाई हो तो कोई क्यों किसी को फ्री में भोजन कराएगा
मैं सब जानता हूँ आप जो महंगाई ,महंगाई चिल्ला रहे हो उसका जनता से कुछ लेना देना नहीं है ,वो तो आप लोग जनता कि गाडी कमाई में से अपनी तनखा ५ गुनी कराने के लिए कर रहे हो अब बताओ क्या महंगाई बाहर ५ गुनी बढ़ गई है जो आप लोग अपनी तन्खाएं १६००० से ८०००१ करानी चाहते हो ,भाई हिन्दुस्तान कि जनता सब जानती है वो सब देख रही है ,इसे कहते हैं अपनी दाढ़ी में घस्सा लगाना

1 comment:

Udan Tashtari said...

सब अपनी राग में अपनी ढफली बजा रहे हैं और जनता मजबूर है -क्या करे...