Thursday, February 26, 2015

अनोखी कहानी परन्तु सच्ची (पार्ट ३ )

जिस शॉप पर वो काम करता था अचानक उसके मालिक की तबियत खराब रहने लगी और उसे नौकरी छोड़नी पडी ,परन्तु तब तक उसने प्लास्टिक रॉ मेटेरियल सेल परचेस का काम भलीभांति सीख लिया ,तो उसने सोचा की अब उसके पास जो रूपये हैं उनसे ही वो थोड़ा थोड़ा यही व्यापार करता रहेगा और फिर भी नौकरी से तो ज्यादा ही कमा लेगा ,अभी वो योजना ही बना रहा था कि तभी उसके पास पहली शॉप के मालिक के भाई उसके घर आये और बोले कि तुम मेरे साथ मिलकर काम कर लो फिर प्रॉफिट आधा आधा है ,ऑफिस खली पड़ा है और कितने पैसे चाहिए बोलो ,
उसने कहा कि ठीक है और मात्र १ लाख रुपया उनसे और ले लिया ,और व्यापार शुरू कर दिया ,भगवन कि ऐसी कृपा हुई कि काम दिन दुगुना रात चौगुना होने लगा और पूरी दिल्ली में एक दिन उसकी तूती बोलने लगी और देखते ही देखते उसकी गिनती दिल्ली के बड़े बड़े व्यापारियों के साथ होने लगी ,और खूब धन कमाने लगे ,और फिर आधा आधा पार्टनर सहित बाँट लेते  जब उसका व्यापार सुदृढ़ हो गया तो वो भी थोड़ा रसिक मिजाज होने लगा और कभी कभी मदिरा पान भी करने लगा ,
तभी उसकी जिंदगी में एक लड़की भी आई जिसके साथ उसके प्यार कि पेंगे बढ़ने लगी ,घूमना फिरना ,सिनेमा होटल जाना होने लगा और दोनों ने एक साथ शादी तक करने कि कस्मे खाई ,कस्मे तो खा ली पर उसका दिल गवाही नहीं देता था क्यो नकी वो लड़की उसकी जाति बिरादरी कि नहीं थी ,इसलिए वो कसम खाने के बावजूद भी उससे शादी करनी नहीं चाहता था क्योँकि वो सोचता कि इस लड़की से शादी के बाद उसका असर परिवार पर कितना पडेगा ,और ऐसा सोचकर उसकी रूह फ़ना हो जातीं,
और तभी उसके लिए दिल्ली से ही एक लड़की का रिश्ता आया जो कि उसीकी बिरादरी की थी ,तो घर वालों के दवाब देने के कारण उसने उस दूसरी लड़की से शादी करने का फैसला ले लिया और फिर शादी का दिन भी निश्चित हो गया ,और जिस दिन उस पहली वाली लड़की को पता लगा तो उसने अपने मकान कि छत से कूदकर आत्महत्या करने कि कोशिश कि परन्तु उस बड़े का  अच्छा भाग्य और भगवान कि मर्जी से वो आत्महत्या ना कर सकी जिसके कारण एक बार फिर प्रेम में गूढ़ता आने लगी परन्तु अपने कुल और खानदान को बचाने हेतु शादी ना हो सकी ,और आज तक वो दोनों उस दिन के बाद कभी किसी फंक्सन में मिल भी जाते तो मात्र मुस्कराहट और कनखियों से ही बात होती बाकि कुछ नहीं ,|

No comments: