Wednesday, May 31, 2017

हम अपनी ओकात को भूल गए
 कभी हम क्या थे और क्या हो गए हैं
पर हमने भी ऐसा करना शुरू कर दिया है
कि जनता हमारी ओकात का जनाजा निकालती रहे | 

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