भारतीय मीडिया में अब शालीनता ,सौम्यता ,मधुर भाषिता ,संस्कारिता ,व्यवहार कुशलता प्राय नगण्य ,बल्कि लुप्त ही होती जा रही है ,क्योँकि आप कोई भी चैनल खोल कर देखिये वहां पर कोई ना कोई ऐंकर बोलता या बातचीत करता नहीं बल्कि" भौंकता" ही नजर आएगा यद्यपि मैं इस शब्द के प्रयोग के लिए माफ़ी चाहता हूँ परन्तु इस शब्द का प्रयोग करना मेरी मजबूरी है ,क्योंकि में उनको ऐसा ही व्यवहार करते देखता हूँ और मजे की बात ये है की उनको इस बात की शर्म नहीं है की कोई विदेशी यदि वहां है या दुनिया भर में लोग हमको देख रहे हैं तो ऐसा बोलने से दुनिया में क्या मेसेज जाएगा,,
एक या दो एंकर ही ऐसे हैं जो अपनी बात को शालीनता से रखते हैं जैसे कि रविश कुमार और प्रसून वाजपेयी,वैसे भी ये दोनों बिकाऊ भी नहीं हैं ,बाकी का तो भगवन मालिक है |
एक या दो एंकर ही ऐसे हैं जो अपनी बात को शालीनता से रखते हैं जैसे कि रविश कुमार और प्रसून वाजपेयी,वैसे भी ये दोनों बिकाऊ भी नहीं हैं ,बाकी का तो भगवन मालिक है |
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