जी हाँ ,अरुण जेटली जी ने माना क़ि टैक्स कंस्यूमर यानी की एक्चुअल यूजर ,यानी की देश की जनता ने भरना है ,व्यापारी ने तो मात्र टैक्स देकर टैक्स ले लेना है फिर इतना हाय हल्ला क्योँ? यदि हाय हुला भी करे तो जनता को करना चाहिए,और जनता कुछ बोल नहीं रही तो इसका मतलब है की जनता ने हमारा जी एस टी को मान लिया ,रही कागजी कार्रवाई की बात वो तो बहुत इजी है ,
तो किसी ने प्रश्न किया की फिर सी ऐ तो कहते हैं कि ये तो बहुत टेड़ा काम है तो जेटली साहब ने कहा की जिसकी आमदनी पर गाज गिरेगी वो कुछ तो कहेगा ,क्योँकि हमारा प्रोसीजर इतना इजी है की कोई भी १० वि क्लास तक पढ़ा , ये काम आसानी से कर लेगा|
किसी ने प्रश्न किया की यदि ये सफल नहीं हुआ तो क्या जी ऐस टी वापस लिया जा सकता है ?
जेटली जी ने कहा की मुझे ऐसा नहीं लगता |
तो किसी ने प्रश्न किया की फिर सी ऐ तो कहते हैं कि ये तो बहुत टेड़ा काम है तो जेटली साहब ने कहा की जिसकी आमदनी पर गाज गिरेगी वो कुछ तो कहेगा ,क्योँकि हमारा प्रोसीजर इतना इजी है की कोई भी १० वि क्लास तक पढ़ा , ये काम आसानी से कर लेगा|
किसी ने प्रश्न किया की यदि ये सफल नहीं हुआ तो क्या जी ऐस टी वापस लिया जा सकता है ?
जेटली जी ने कहा की मुझे ऐसा नहीं लगता |
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