दूधिया जब भी अपनी गाय या भैंस अथवा बकरी का दूध निकालता है तो सबसे पहले वो उसे चारा डालता है फिर बड़े प्यार से पुचकारता है ,उसके शरीर पर अनूठे तरीके से हाथ फेरता है फिर उसके थनों को पानी डालकर धीर धीरे बड़े ही मुलायम हाथ से दूध निकलता है तो भाइयो ऐसा करने से वो दूध भी अधिक देती हैं और हाथ पैर भी नहीं मारती,ये तो हुई एक समझदारी की बात और वो भी एक बिना पढ़े लिखे दूधिया के द्वारा।
अब लीजिये मोदी सर्कार के वित्त मंत्री अरुण जेटली जी को वो देश के व्यापारियों से अधिक से अधिक टैक्स वसूलना चाहते हैं और वो भी धमकी के द्वारा ,यदि ऐसा नहीं किया तो जेल भेज दिए जाओगे ,जुर्माना लग जाएगा ,आदि आदि ,अब यदि ये कार्य बजाये डराए धमकाए सुचारु रूप से किया जाता तो मैं समझता हूँ कि जी एस टी लगाना कोई बहुत बड़ा टास्क नहीं है ,शायद व्यापारी उसे स्वविकार भी कर लेते ,परन्तु धमकी आदि देकर थोपना तो बहुत बड़े बात होगी |
और याद रखिये जेटली जी की व्यापारी कोई आपका नौकर नहीं है वो अपनी मर्जी का मालिक है ,यदि मर्जी का मालिक ना होता तो वो भी आपकी या आपके दुसरे साथियों की तरह भारत सरकार की नौकरी ही करता ,अरे वो तो आपको बिना पैसे का नौकर मिला हुआ है जो रात दिन काम करके आपको टैक्स वसूलकर देता है और फिर भी आप जैसे लोग उसे चोर ,और पता नहीं क्या क्या कहते हैं ,मुझे शर्म आती है आप लोगों पर ,
बाहर के मुल्कों में व्यापारियों को बहुत सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है क्योँकि सरकार को चलाने वाला ,टैक्स देकर या वसूल कर वो ही लाता है ,आप लोग और आपके अफसर तो मात्र सफ़ेद हाथी के सामान हैं जो | लाखों रूपये तन्खा भी लेते हैं और भ्र्ष्टाचार करते हैं अलग से ,जितना हाराम का पैसा आज राजनीतिज्ञों और सरकारी ऑफिसर्स के पास है शायद ही किसी व्यापारी के पास होगा ,और जिस पर थोड़ा बहुत होता है तो आप लोग उसके घर छपे डलवा कर २ नंबर का रुपया कहकर छीन लेते ही
अंत में मैं ये ही कहूंगा की यदि आप जी एस टी को सफलता पूर्वक चलाना चाहते हो तो प्यार से समझाओ और धमकियां देनी बंद करो ,वार्ना आप सभी जानते हो की आप तो अब से साल दो साल में चले जाओगे परन्तु व्यापारी भागने वाला नहीं ,वो स्थिर हैं और आप अस्थिर
अब लीजिये मोदी सर्कार के वित्त मंत्री अरुण जेटली जी को वो देश के व्यापारियों से अधिक से अधिक टैक्स वसूलना चाहते हैं और वो भी धमकी के द्वारा ,यदि ऐसा नहीं किया तो जेल भेज दिए जाओगे ,जुर्माना लग जाएगा ,आदि आदि ,अब यदि ये कार्य बजाये डराए धमकाए सुचारु रूप से किया जाता तो मैं समझता हूँ कि जी एस टी लगाना कोई बहुत बड़ा टास्क नहीं है ,शायद व्यापारी उसे स्वविकार भी कर लेते ,परन्तु धमकी आदि देकर थोपना तो बहुत बड़े बात होगी |
और याद रखिये जेटली जी की व्यापारी कोई आपका नौकर नहीं है वो अपनी मर्जी का मालिक है ,यदि मर्जी का मालिक ना होता तो वो भी आपकी या आपके दुसरे साथियों की तरह भारत सरकार की नौकरी ही करता ,अरे वो तो आपको बिना पैसे का नौकर मिला हुआ है जो रात दिन काम करके आपको टैक्स वसूलकर देता है और फिर भी आप जैसे लोग उसे चोर ,और पता नहीं क्या क्या कहते हैं ,मुझे शर्म आती है आप लोगों पर ,
बाहर के मुल्कों में व्यापारियों को बहुत सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है क्योँकि सरकार को चलाने वाला ,टैक्स देकर या वसूल कर वो ही लाता है ,आप लोग और आपके अफसर तो मात्र सफ़ेद हाथी के सामान हैं जो | लाखों रूपये तन्खा भी लेते हैं और भ्र्ष्टाचार करते हैं अलग से ,जितना हाराम का पैसा आज राजनीतिज्ञों और सरकारी ऑफिसर्स के पास है शायद ही किसी व्यापारी के पास होगा ,और जिस पर थोड़ा बहुत होता है तो आप लोग उसके घर छपे डलवा कर २ नंबर का रुपया कहकर छीन लेते ही
अंत में मैं ये ही कहूंगा की यदि आप जी एस टी को सफलता पूर्वक चलाना चाहते हो तो प्यार से समझाओ और धमकियां देनी बंद करो ,वार्ना आप सभी जानते हो की आप तो अब से साल दो साल में चले जाओगे परन्तु व्यापारी भागने वाला नहीं ,वो स्थिर हैं और आप अस्थिर
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