अब फेस बुक ,फेस बुक ना रहकर ,फेक बुक ,या फिर फेंकू बुक ,बन चुकी है ,मोदी समर्थकों ने भाषाओँ की मर्यादा तक को तोड़ दिया है ठीक वैसे ही जैसे लगभग सभी भाजपाइ अपने आदर्श ,संस्कार ,मर्यादा तक को भूलकर जो भी उनके मन में या मुख में आता है उगल देते हैं फिर चाहे वो प्रधानमंत्री है या मंत्री अथवा सांसद या विधायक या फिर आम भाजपाई सदस्य ,इन लोगों ने जिस प्रकार देश का माहौल खराब कर दिया है ठीक उसी प्रकार फेस बुक का भी,गालियां ,गुफ्तारियाँ लड़ना झगड़ना ,किसी छोटे बड़े की शर्म ना करना झूठ बोलना ,मुकर जाना इनके लिए आम बात हो गई है ,आज ये जहाँ भी जाते हैं वहीँ पर माहौल ख़राब कर देते हैं और वो भी खास तौर से मोदी जी और अमित शाह भी इसके पर्याय हैं ,अब पता नहीं ये लोग कितने गिरेंगे ,और देश को किस गड्ढे में गिरेंगे ,ईश्वर ही जानता है ,देश की जनता तो अब कुछ समझ नहीं पा रही ,मात्र इतना ही समझा है जनता ने "की कमल का फूल हमारी भूल "|
Monday, July 10, 2017
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