अभी तक भी कुछ बेवकूफ लोग फेस बुक पर लिख रहे हैं की व्यापारी इसलिए चिल्ला रहे हैं क्योँकि टैक्स का पैसा उसकी जेब से जाएगा ,
जब की ऐसा नहीं है ये सारा टैक्स जनता की जेब से जायेगा क्यो की सभी सामानों का इस्तेमाल जनता अपने दैनिक प्रयोग में करती है और क्योँकि सारा टैक्स उसी आदमी को देना है जो अंत में सामान खरीदेगा ,
व्यापारी का रोल तो मात्र इतना है की वो सामान खरीदारों से टैक्स वसूलेगा और एकत्रित करके सरकारी खाते में जमा करा देगा
हाँ इतना जरूर है की कागजी कार्रवाई थोड़ी ज्यादा जरूर है परन्तु व्यापारी को फर्क नहीं पड़ेगा वो उतना ही ज्यादा प्रॉफिट ले लेगा ,जितना भी खर्चा व्यापारी पर पड़ेगा वो तो जनता से वसूलेगा
व्यापारी तो सारा काम जनता के हिट में ही कर रहा है ,यानि की जनता की मुसीबत व्यापारी अपने सर पे ले रहा है ,
जब की ऐसा नहीं है ये सारा टैक्स जनता की जेब से जायेगा क्यो की सभी सामानों का इस्तेमाल जनता अपने दैनिक प्रयोग में करती है और क्योँकि सारा टैक्स उसी आदमी को देना है जो अंत में सामान खरीदेगा ,
व्यापारी का रोल तो मात्र इतना है की वो सामान खरीदारों से टैक्स वसूलेगा और एकत्रित करके सरकारी खाते में जमा करा देगा
हाँ इतना जरूर है की कागजी कार्रवाई थोड़ी ज्यादा जरूर है परन्तु व्यापारी को फर्क नहीं पड़ेगा वो उतना ही ज्यादा प्रॉफिट ले लेगा ,जितना भी खर्चा व्यापारी पर पड़ेगा वो तो जनता से वसूलेगा
व्यापारी तो सारा काम जनता के हिट में ही कर रहा है ,यानि की जनता की मुसीबत व्यापारी अपने सर पे ले रहा है ,
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