यदि हम परायों के साथ अपनों जैसा व्यवहार करेंगे तो कभी भी हमको नहीं भूलेंगे ,
और यदि हम अपनों के साथ परायों जैसा व्यवहार करेंगे तो वो भी हमको नहीं भूलेंगे ,
परन्तु दोनों की सोच में बहुत बड़ा अंतर है ,कभी आपने सोचा है शायद नहीं ,तो अब सोचिये
और यदि हम अपनों के साथ परायों जैसा व्यवहार करेंगे तो वो भी हमको नहीं भूलेंगे ,
परन्तु दोनों की सोच में बहुत बड़ा अंतर है ,कभी आपने सोचा है शायद नहीं ,तो अब सोचिये
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