कल दिल्ली के उपमुख्य मंत्री आदरणीय सिसोदिया जी ने अपना एक मंतव्य जी एस टी लागू हो जाने के बारे में दिया ,और एक सोच व्यक्त की कि जी एस टी लागू होने के बाद =
१ महंगाई बढ़ सकती हैं
२ इंस्पेक्टर राज की भी संभावना है ,
३ जनता बिना बिल पर्चे का काम अधिक करना चाहेगी ,
ये तीनो बाते जी,एस ,टी लगने के बाद अवश्य होंगी क्योँकि ,
जहां का ेकग्राहक ५% दी वैट देने में आनाकानी करता है तो वो जी एस टी लगने पर १० %न या १२ % अथवा१ ८ % कैसे देगी कभी ये सोचना है आपने ,फिर तो व्यापारियों की भी मजबूरी होगी की वो व्यापार कैसे करें,
जब की आज भी बहुत से व्यापार ऐसे होते हैं कि बिल पर्चा किसी को और माल किसी और को जाता है तो सोचिये क्या फिर ऐसा नहीं होगा ,
जब की एक छोटे से व्यापारी को भी प्रत्येक महीने ३७ टैक्स रिटर्न भरनी पड़ेगी अब क्या वो रिटर्न भरेगा या बिज़नेस करेगा दुसरे वैसे भी छोटे छह छोटे व्यापारी पढ़े लिखे कहाँ होते हैं ,ज्यादातर के लिए तो काला अक्षर भैंस बराबर होता है ,
और यदि सी ऐ रखेगा तो वो भी जितनी कमाई नहीं होगी उतनी फीस मांगेगा
फिर गुजारा कैसे होगा ज़रा सोचो सिसोदिया जी ,
इसलिए हमारी सलाह तो ये है की जी एस टी को काम से काम दिल्ली से तो दफा करो ,और यदि नहीं किया तो आप भी ये सोच लो की आपकी सरकार को तो भाजपा वैसे ही खत्म करने में लगी ,यदि वो भी न कर सके तो २०२० में तो आपकी सरकार आने से रही |
१ महंगाई बढ़ सकती हैं
२ इंस्पेक्टर राज की भी संभावना है ,
३ जनता बिना बिल पर्चे का काम अधिक करना चाहेगी ,
ये तीनो बाते जी,एस ,टी लगने के बाद अवश्य होंगी क्योँकि ,
जहां का ेकग्राहक ५% दी वैट देने में आनाकानी करता है तो वो जी एस टी लगने पर १० %न या १२ % अथवा१ ८ % कैसे देगी कभी ये सोचना है आपने ,फिर तो व्यापारियों की भी मजबूरी होगी की वो व्यापार कैसे करें,
जब की आज भी बहुत से व्यापार ऐसे होते हैं कि बिल पर्चा किसी को और माल किसी और को जाता है तो सोचिये क्या फिर ऐसा नहीं होगा ,
जब की एक छोटे से व्यापारी को भी प्रत्येक महीने ३७ टैक्स रिटर्न भरनी पड़ेगी अब क्या वो रिटर्न भरेगा या बिज़नेस करेगा दुसरे वैसे भी छोटे छह छोटे व्यापारी पढ़े लिखे कहाँ होते हैं ,ज्यादातर के लिए तो काला अक्षर भैंस बराबर होता है ,
और यदि सी ऐ रखेगा तो वो भी जितनी कमाई नहीं होगी उतनी फीस मांगेगा
फिर गुजारा कैसे होगा ज़रा सोचो सिसोदिया जी ,
इसलिए हमारी सलाह तो ये है की जी एस टी को काम से काम दिल्ली से तो दफा करो ,और यदि नहीं किया तो आप भी ये सोच लो की आपकी सरकार को तो भाजपा वैसे ही खत्म करने में लगी ,यदि वो भी न कर सके तो २०२० में तो आपकी सरकार आने से रही |
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