आदरणीय ,आखिर धूर्तता की भी कोई सीमा होती है परन्तु आपने तो उसकी सम्पूर्ण सीमाएं ही तोड़ दी ,
इसके कारण हो सकता है कि भविष्य में आपको बहुत कष्ट झेलने पड़ें ,क्योँकि मनुष्य को वही वापस मिलता है जो वो देता है |
इसके कारण हो सकता है कि भविष्य में आपको बहुत कष्ट झेलने पड़ें ,क्योँकि मनुष्य को वही वापस मिलता है जो वो देता है |
No comments:
Post a Comment